मनीष कश्यप: पढ़ाई सिविल इंजीनियर की, पेशा-पत्रकारिता
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मनीष के आवाज़ ने बिहार के भ्रष्टाचार को दिल्ली तक पहुँचाया
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वीडियो चैनल ‘सच तक’ से जनता को सच्चाई का पता चला
प्रस्तावना:
![मनीष कश्यप](https://i0.wp.com/biharnewsreporter.com/wp-content/uploads/2023/09/Manish_01.jpeg?resize=640%2C482&ssl=1)
मनीष कश्यप नामक व्यक्ति की कहानी एक प्रेरणास्पद जीवन और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के बारे में है। इस लेख में, हम उनके जीवन, कार्य और व्यक्तिगत उपलब्धियों की खोज करेंगे।
मनीष का जन्म और प्रारंभिक जीवन:
मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1988 को बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के एक छोटे से गाँव, डुमरी महानवा में हुआ था। उनके पिता का नाम उदित कुमार तिवारी है, जो भारतीय सेना में कार्यरत हैं, और उनके एक भाई एक निजी कंपनी में काम करते हैं।
मनीष ने बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा 2007 में एक स्थानीय गांव के स्कूल में पूरी की और 2009 में 12वीं पूरी करने के बाद महाराष्ट्र आ गए, 2016 में सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय पुणे से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इंजीनियरिंग के बाद, मनीष को मुंबई का मोह छोड़कर अपने गाँव वापस आना पड़ा, कहीं भी काम करने के बजाय अपने गृह राज्य बिहार से ही काम करने का मन बना लिया।
सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़:
बिहार में फैले भ्रष्टाचार के ऊपर, मनीष ने वीडियो बनाने का निर्णय लिया और इन वीडियों को यूट्यूब और सोशल मीडिया पर साझा करना शुरू किया। उन्होंने अपने चैनल “सच तक” के माध्यम से बिहार की अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक सेवाओं में हो रही कमियों और धांधली के बारे में लोगों को मजबूती से बताया।
![मनीष कश्यप](https://i0.wp.com/biharnewsreporter.com/wp-content/uploads/2023/09/Manish_03.jpeg?resize=640%2C360&ssl=1)
सच्चाई का प्रशंसकों के बीच प्रसार:
मनीष कश्यप को उनकी बेबाक़ पत्रकारिता के लिए बेहद पॉप्युलरता हासिल हुई, और उनके वीडियो हजारों लोगों द्वारा देखे जाते हैं। वे निष्कलंक रिपोर्टिंग के दौरान अपने अंदाज के लिए मशहूर हुए और उनके वीडियो कमेंट्स में सराहना भी मिलती रही है।
विवाद और गिरफ़्तारी:
हालांकि मनीष ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने में महत्वपूर्ण योगदान किया, उनपर एक अफ़वाह फैलाने वाले समाचार के आरोप में उनकी गिरफ़्तारी हो गई और उनपर NSA (भारतीय गुप्तचर एजेंसी) भी लगा दिया गया है, जो अभी भी विवादास्पद है। उनका केस चल रहा है और वे बिहार में जेल में हैं।
निष्कर्ष:
मनीष कश्यप की कहानी एक योद्धा की तरह है, जिन्होंने अपने प्रिय राज्य के भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाव दिया और लोगों को सच्चाई की ओर मोड़ने में मदद की। उनकी बेबाक़ पत्रकारिता और सोशल मीडिया पर उनके वीडियो बहुत लोगों को प्रेरित कर रहे हैं, और उनकी गिरफ़्तारी का मुद्दा विचार किया जा रहा है।
![मनीष कश्यप](https://i0.wp.com/biharnewsreporter.com/wp-content/uploads/2023/09/Manish_05.jpeg?resize=640%2C427&ssl=1)
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